गुम हो गया मेरा बचपन

कुछ दिन तो गुजार लेने दो माँ आपकी कशिश में,
क्यों नन्हें कदमों को धकेलती ज़िंदगी की तपिश में,
प्रतिस्पर्धा के बोझ तले गुम हो गया मेरा बचपन।
अव्वल होना ही बनी बुद्धिमत्ता की पहचान,
जरूरी बिल्कुल भी नहीं बनूँ एक अच्छा इंसान।
90 प्रतिशत के बोझ तले गुम हो गया मेरा बचपन।
मैं भी ग़ायब रहना चाहता हूँ दिन भर खेलने के बहाने,
क्या नसीब में मेरे नहीं वो बेफिक्री के ज़माने,
महत्वाकांक्षाओं के बोझ तले गुम हो गया मेरा बचपन।
टिफ़िन ब्रेक में पानी के लिये लगने वाली लाइन,
देखा कहाँ मैंने, पहले मैं-पहले मैं, की लड़ाई वाला फाइन,
केंट आर ओ के बोझ तले गुम हो गया मेरा बचपन।
वो इमली की गोली, पाँच रुपये की चुस्की,
खाई नहीं मैंने ठेले वाली चटपटी पानीपुरी,
हाइजीन के बोझ तले गुम हो गया मेरा बचपन।
होप्सकोच, डार्क रूम न खेला सेवेन स्टोन्स,
खेला न कभी आउटडोर हाथ आये गेमिंग ज़ोन्स,
पबजी के बोझ तले गुम हो गया मेरा बचपन।
गुड टच बैड टच ये सब के क्या है मायने,
है उम्र क्या की ये सब अभी से जाने,
वेस्टर्न कल्चर के बोझ तले गुम हो गया मेरा बचपन।
देखी न कॉमिक्स जिसमें थी चाचा चौधरी और साबू की कहानियाँ,
कैसी दिखती थीं दादी की परियाँ और राजकुमारियाँ,
बेसिर पैर के कार्टून के बोझ तले गुम हो गया मेरा बचपन।
तस्वीरों में दादू दादी चाचू चाची बुआ से मिलता हूँ,
आपकी फुर्सत में बस उनके किस्से सुनता हूँ,
एकल परिवार के बोझ तले गुम हो गया मेरा बचपन।
छोटा हूँ अभी कुछ दिन तो बच्चा रहने दो,
बुढ़ापे के लिए कुछ तो यादें सँजो लेने दो,
कुछ ही दिनों में तो कहना है मुझको,
लो यूँ ही कहीं गुम हो गया मेरा बचपन।
नीलम लाहोटी